गुरुवार, 7 जुलाई 2011

किन्नर क्योँ होते है?: किन्नर

किन्नर क्योँ होते है?: किन्नर: "परमात्मा की रचना कभी गलत नही होती हाँ जरुर हमारे विचार गलत हो सकते है। आज विश्व मे रावण राज की देन हमारे विचार ही है।हम हमारी आत्म की गहराई ..."

गुरुवार, 10 मार्च 2011

किन्नर

परमात्मा की रचना कभी गलत नही होती हाँ जरुर हमारे विचार गलत हो सकते है। आज विश्व मे रावण राज की देन हमारे विचार ही है।हम हमारी आत्म की गहराई मे जाकर कभी विचार नही करते है।हम यहाँ विचार करते है एक किन्नर के बारे मे,आज फिल्म नाटक धारावायिक सिरियल हम सभी देखते है पर विचार नही करते है फिल्म जब शुरु होती है तो सबसे पहले काली पट्टी पर साफ शब्दो मे लिखा होता है की इस फिल्म के पात्र एवमं घटनाऐ सब काल्पनिक है इनका वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नही है।अर्थात एक दिखावा होता है और एक किन्नर के पास भी दिखावा ही होता है देखने मे औरत औरत जैसी एवमं मर्द मर्द जैसा होता है।पर होता सिर्फ दिखावा है। वैसे भी हिरा हिरोइन एक अनमोल रत्न का नाम होता है यानि असली सोना, और सोने के कभी जंग नही लगना चाहिए लेकिन आज हर साल लाखो की तादाद मे जो लङकीयाँ हिरोईन बनने के चक्कर मे घुमती है उसे एक वैश्य की तरह रात गुजारनी पङती है।तब जाकर उसे कोई रोल मिलता है।यानि जंग पहले लगता है और फिर एक हिरोईन के रुप मे उसकी पहचान होती है आखिर हम क्या कर रहे है? परमात्मा ने जो हिरा हिरोईन{किन्नर} बनाकर भेजा है हम उसे एक समाज से अलग करके कौनसा नाम कमा रहे है? एक शुध्द हिरा हिरोईन किन्नर के रुप मे परमात्मा ने जो बनाया है उसको दर दर की ठोकरे खाने को मजबुर किया जा रहा है।एक वैश्या जो है उसकी पुजा कर रहे है आखिर कैसा न्याय है? परमात्मा ने शायद इसी उद्देश्य से किन्नर बनाया है